रांची: झारखंड सरकार और The/Nudge इंस्टिट्यूट के संयुक्त प्रयास से शुरू की गई The/Nudge इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव फेलोशिप (IAF) राज्य में तेजी से प्रभावी होती जा रही है। इस फेलोशिप का उद्देश्य नीति सुधार, परियोजना प्रबंधन और तकनीकी नवाचार के माध्यम से शासन को अधिक जवाबदेह और प्रभावी बनाना है।
वित्त विभाग के सचिव प्रशांत कुमार (आईएएस) ने कहा कि यह फेलोशिप झारखंड सरकार की प्रशासनिक क्षमता को और अधिक सशक्त बनाएगी। उन्होंने बताया, “शासन को कुशल, प्रभावी और नवीन दृष्टिकोण देने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है। इन फेलोज़ का योगदान सरकारी योजनाओं और नीतिगत सुधारों के प्रभावी क्रियान्वयन में मददगार साबित होगा।”
फेलोशिप के तहत क्या हो रहा है काम?
IAF के तहत चुने गए सभी फेलो 20+ वर्षों के निजी क्षेत्र के अनुभव वाले विशेषज्ञ हैं। इन फेलोज़ ने शुरुआती दो महीनों में विभिन्न विभागीय टीमों के साथ मिलकर नीतिगत प्रक्रियाओं का विश्लेषण, डेटा समीक्षा और सुधार एजेंडों की पहचान की है। आने वाले महीनों में वे विभिन्न सरकारी योजनाओं की प्रगति को तेज करने और नवाचार लाने की दिशा में कार्य करेंगे।
क्या है The/Nudge इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव फेलोशिप?
यह 18 महीने का नेतृत्व-उन्मुख कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य नीति निर्माण और शासन में नवाचार को बढ़ावा देना है। फेलो सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर तकनीकी समाधान, डेटा-संचालित निर्णय, डिजिटल इनोवेशन और पारदर्शिता बढ़ाने पर कार्य करेंगे।
गौरतलब है कि यह फेलोशिप 3 फरवरी 2025 को झारखंड सरकार के वित्त विभाग के सचिव प्रशांत कुमार (आईएएस) की उपस्थिति में प्रोजेक्ट भवन, रांची में लॉन्च की गई थी। इस पहल से झारखंड में शासन को आधुनिक और प्रभावी बनाने की दिशा में एक ठोस कदम बढ़ाया गया है।
IAF टीम ने जानकारी दी कि जल्द ही प्रत्येक फेलो अपनी प्राथमिक परियोजनाओं पर विस्तृत कार्य योजना विभागीय सचिवों के समक्ष प्रस्तुत करेंगे, ताकि प्रशासनिक सुधारों में तेजी लाई जा सके।