रांची: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने नेता और पूर्व जिला परिषद सदस्य अनिल महतो उर्फ टाइगर की दिनदहाड़े हत्या के विरोध में झारखंड में राज्यव्यापी बंद का आयोजन किया। इस बंद का रांची में व्यापक असर देखने को मिला, जहां भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किए, सड़कों को जाम किया और गुस्से में टायर जलाए। पुलिस ने कड़ी कार्रवाई करते हुए कई भाजपा नेताओं को हिरासत में लिया, जिनमें केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ भी शामिल रहे।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने कांके चौक, रातू रोड, अर्गोड़ा, बरियातू, ओरमांझी, बेड़ो, धुर्वा, खर्री और बूटी मोड़ सहित कई प्रमुख क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन किया। संजय सेठ ने पिस्का मोड़ पर धरना दिया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। कुल मिलाकर, 50 से अधिक भाजपा कार्यकर्ताओं को एहतियातन हिरासत में लिया गया, जिनमें वरिष्ठ नेता प्रतुल शाहदेव और भैरव सिंह भी शामिल हैं।
बंद के चलते रांची में अधिकांश स्कूल, बाजार और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। सार्वजनिक परिवहन बुरी तरह प्रभावित हुआ, जिससे सड़कों पर वाहन न के बराबर दिखे। कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाए, जबकि कांके, जहां अनिल टाइगर की हत्या हुई थी, सबसे अधिक प्रभावित इलाका रहा।
इस बंद को जनता दल (यूनाइटेड) (जदयू), आजसू (ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन) और झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) का समर्थन मिला। जदयू प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद खीरू महतो ने बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर चिंता जताते हुए कहा कि अपराधी बेखौफ होकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने भी इस बंद का समर्थन किया और राज्य सरकार की आलोचना करते हुए नेताओं और आम जनता की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए।
विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी ने अनिल टाइगर की हत्या की कड़ी निंदा की और इसे भाजपा के लिए एक बड़ी क्षति बताया। उन्होंने राज्य सरकार पर अपराध पर काबू न पाने का आरोप लगाया और कहा कि पिछले पांच वर्षों में भाजपा नेताओं को लगातार निशाना बनाया जा रहा है।
इस हत्या ने गुरुवार सुबह झारखंड विधानसभा में भी जबरदस्त राजनीतिक हंगामा खड़ा कर दिया। सत्र शुरू होने से पहले ही भाजपा विधायकों ने विधानसभा परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और अपराधियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की मांग करते हुए राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा किया।
जैसे ही सत्र शुरू हुआ, भाजपा नेताओं और मंत्रियों ने वेल में उतरकर सदन की कार्यवाही बाधित कर दी। बाहर भी भाजपा नेता प्रदर्शन जारी रखते हुए राज्य सरकार पर अपराध नियंत्रण में विफल रहने का आरोप लगाते रहे। उनका कहना था कि अपराधी बेखौफ होकर घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं और झारखंड में कानून-व्यवस्था की स्थिति लगातार बिगड़ रही है। पूर्व मंत्री और रांची विधायक सी.पी. सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष पर “अपराधियों को शरण देने वाली सरकार” को बचाने का आरोप लगाते हुए अनिल टाइगर के लिए न्याय की मांग की।
भाजपा नेताओं ने झारखंड में बढ़ते अपराध पर गंभीर चिंता व्यक्त की और हेमंत सोरेन सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं ने रिम्स अस्पताल पहुंचकर अनिल टाइगर के परिवार से मुलाकात की और त्वरित न्याय की मांग की।
बुधवार को रांची के कांके चौक पर भाजपा नेता अनिल टाइगर की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस हत्या से भाजपा कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश है, जिसके चलते राज्यभर में बंद और उग्र प्रदर्शन हुए।
भाजपा के नेतृत्व में किए गए इस बंद से रांची पूरी तरह ठप पड़ गई और जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। कुछ जगहों पर प्रदर्शन हिंसक हो गए, जिसके चलते पुलिस को कड़ी कार्रवाई करनी पड़ी। भाजपा ने अपने नेताओं के खिलाफ साजिश का आरोप लगाते हुए राज्य सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं। अब बड़ा सवाल यह है कि पुलिस इस मामले की जांच कैसे आगे बढ़ाएगी और सरकार राज्य में कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए क्या ठोस कदम उठाएगी।