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राँची सभा

झारखंड चैंबर ने कानून-व्यवस्था पर जताई चिंता

झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स की कार्यकारिणी बैठक में विधि-व्यवस्था, बिजली टैरिफ, जीएसटी पंजीकरण और न्यूनतम मजदूरी दरों पर चर्चा हुई। व्यापारियों ने भयमुक्त माहौल, एग्री एक्सपोर्ट बढ़ावा, भवन नियमितीकरण और मास्टर प्लान संशोधन की मांग की। सरकार से ठोस कार्रवाई की अपील करते हुए व्यापार जगत की समस्याएं उजागर की गईं।

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रांची: झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स की कार्यकारिणी समिति की बैठक शुक्रवार को चैंबर भवन में अध्यक्ष परेश गट्टानी की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में प्रदेश की कानून-व्यवस्था, व्यापारियों की सुरक्षा, नई बिजली टैरिफ, एग्री एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने और जीएसटी पंजीकरण से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा की गई।

व्यापारियों की सुरक्षा को लेकर उठी आवाज
चैंबर ने राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर चिंता जताई और मुख्यमंत्री व डीजीपी से ठोस कार्रवाई की मांग की। चैंबर अध्यक्ष परेश गट्टानी ने कहा कि व्यापार जगत किसी भी राजनीतिक दल का समर्थक नहीं होता, बल्कि उसका उद्देश्य केवल आर्थिक गतिविधियों को गति देना है। उन्होंने हालिया आपराधिक घटनाओं, हत्या और डकैती को लेकर चिंता व्यक्त की और सरकार से त्योहारों के दौरान भी व्यापारियों के लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करने की अपील की।

नई बिजली टैरिफ का विरोध
झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (JBVNL) द्वारा प्रस्तावित नई बिजली दरों का व्यापारियों ने विरोध किया। समिति ने नियामक आयोग से इस पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया।

एग्री एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने की मांग
राज्य में कृषि निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए चैंबर ने APEDA और DGFT के कार्यालयों की स्थापना, पेस्टीसाइड रेसीड्यू लैब और बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर कोल्ड स्टोरेज, कोल्ड रूम और कार्गो टर्मिनल की मांग की। सदस्यों ने कहा कि इन सुविधाओं से झारखंड के कृषि उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहुंचाने में मदद मिलेगी।

जीएसटी पंजीकरण में आ रही समस्याओं पर चर्चा
झारखंड में जीएसटी पंजीकरण बंद होने और पटना भेजे जा रहे आवेदन रिजेक्ट होने की समस्या पर भी चर्चा हुई। महासचिव आदित्य मल्होत्रा ने जल्द ही विभागीय आयुक्त से वार्ता करने की बात कही और झारखंड में ही जीएसटी पंजीकरण प्रक्रिया को बहाल करने की मांग की।

न्यूनतम मजदूरी और लैंड रेगुलराइजेशन पर भी हुई चर्चा
चैंबर महासचिव आदित्य मल्होत्रा ने राज्य में प्रभावी न्यूनतम मजदूरी दरों की अव्यवहारिकता पर चिंता जताई और बताया कि इस संबंध में हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है।
इसके अलावा, एसपीटी एक्ट और खासमहल भूमि की समीक्षा के लिए सरकार द्वारा गठित कमेटी में झारखंड चैंबर और दुमका बार काउंसिल के विशेषज्ञ अधिवक्ताओं को शामिल करने की मांग की गई। चैंबर ने भवन नियमितीकरण योजना को शीघ्र लागू करने और मास्टर प्लान 2037 में लैंड यूज में संशोधन की भी अपील की, जिससे सरकार को राजस्व बढ़ाने में मदद मिलेगी।

बैठक में ये लोग रहे उपस्थित
बैठक में चैंबर अध्यक्ष परेश गट्टानी, महासचिव आदित्य मल्होत्रा, सह सचिव विकास विजयवर्गीय, नवजोत अलंग, कोषाध्यक्ष रोहित अग्रवाल, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष संजय अग्रवाल, अमित साहू, कार्यकारिणी सदस्य अमित शर्मा, आस्था किरण, डॉ. अभिषेक रामाधीन, मुकेश अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष पवन शर्मा सहित कई प्रमुख व्यापारी उपस्थित थे।

क्या सरकार व्यापारियों की मांगों को सुनेगी?
बैठक में लिए गए प्रस्तावों को लेकर अब निगाहें सरकार के रुख पर टिकी हैं। चैंबर ने स्पष्ट किया कि यदि ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो व्यापारी वर्ग अपने हितों की रक्षा के लिए आगे कदम उठाने को मजबूर होगा।

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