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राँची सभा

पुलिस मॉक ड्रिल में चूक, स्कूल के बच्चों की तबीयत बिगड़ी

रांची में पुलिस मॉक ड्रिल के दौरान आंसू गैस स्कूल तक पहुंच गई, जिससे कई बच्चे प्रभावित हुए। कुछ को सांस लेने में दिक्कत हुई, जबकि दो बच्चियों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इस घटना ने सुरक्षा उपायों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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रांची: रांची में पुलिस की एक मॉक ड्रिल के दौरान आंसू गैस का धुआं पास के स्कूल तक पहुंच गया, जिससे कई छात्र प्रभावित हुए। कई बच्चों को सांस लेने में दिक्कत हुई और कुछ बेहोश हो गए। यह घटना पुलिस लाइन के पास स्थित राजकीय मध्य विद्यालय में हुई, जिससे स्कूल में अफरा-तफरी मच गई। करीब दर्जनभर बच्चों को सदर अस्पताल ले जाया गया, जिनमें से दो बच्चियों को भर्ती कराना पड़ा।

कैसे हुआ हादसा?
स्कूल की प्रिंसिपल डॉ. ज्योत्सना प्रसाद के मुताबिक, अचानक एक जोरदार धमाका हुआ और कुछ ही पलों में आंसू गैस का धुआं क्लासरूम में फैल गया। बच्चों की आंखों में जलन होने लगी और सांस लेने में परेशानी होने लगी। शिक्षकों ने तुरंत बच्चों को बाहर निकाला, लेकिन तभी दूसरा धमाका हुआ और हालात और बिगड़ गए। यह आंसू गैस पुलिस लाइन में चल रही मॉक ड्रिल का हिस्सा थी, जो आगामी त्योहारों के दौरान संभावित अशांति से निपटने की तैयारी के लिए की जा रही थी। तेज हवा के कारण गैस का असर स्कूल तक पहुंच गया। जब पुलिस को इसकी जानकारी मिली, तो तुरंत एंबुलेंस भेजी गई और बच्चों को अस्पताल ले जाया गया।

विधायक सी.पी. सिंह का बयान
घटना की जानकारी मिलते ही भाजपा विधायक सी.पी. सिंह सदर अस्पताल पहुंचे। उन्होंने डॉक्टरों और बच्चों के अभिभावकों से मुलाकात कर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने पुलिस की लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए कहा कि स्कूल के पास इस तरह की ड्रिल करना बेहद गैर-जिम्मेदाराना फैसला था। उन्होंने पुलिस को घनी आबादी से दूर ऐसे अभ्यास करने की सलाह दी, ताकि आम लोगों, खासकर छोटे बच्चों को नुकसान न पहुंचे।

पुलिस की सफाई
रांची के सिटी एसपी राजकुमार मेहता ने मॉक ड्रिल का बचाव करते हुए कहा कि सभी सुरक्षा मानकों का पालन किया गया था। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि अचानक चली तेज हवा के कारण आंसू गैस का धुआं स्कूल तक पहुंच गया। उन्होंने बताया कि स्कूल की ऊपरी मंजिल की खिड़कियां खुली हुई थीं, जिससे गैस क्लासरूम में फैल गई। एसपी ने यह भी कहा कि किसी को अंदाजा नहीं था कि गैस करीब 100 मीटर दूर तक असर करेगी।

लापरवाही पर उठे सवाल
इस घटना ने पुलिस ड्रिल की योजना और उसके क्रियान्वयन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सुरक्षा में चूक के कारण मासूम बच्चों की जान खतरे में पड़ गई, जिससे अभिभावकों और आम जनता में गुस्सा है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अब सभी बच्चे सुरक्षित हैं, लेकिन यह घटना भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कड़े सुरक्षा उपाय अपनाने की जरूरत को दर्शाती है।

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