ढाका: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने इजरायल को लेकर एक बड़ा और निर्णायक कदम उठाया है। अब बांग्लादेशी नागरिक इजरायल की यात्रा नहीं कर सकेंगे। सरकार ने पासपोर्ट में ‘इजरायल को छोड़कर’ की शर्त फिर से जोड़ दी है, जिससे यह साफ हो गया है कि देश की नीति अब इजरायल के प्रति पहले से ज्यादा सख्त हो गई है।
गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक, अब बांग्लादेशी पासपोर्ट पर फिर से यह वाक्य लिखा जाएगा —
“यह पासपोर्ट दुनिया के सभी देशों के लिए वैध है, सिवाय इजरायल के।”
यह बदलाव ऐसे समय में आया है जब ढाका समेत देश के कई हिस्सों में इजरायल के खिलाफ जनभावनाएं तेज़ हो गई हैं। गाजा में जारी संघर्ष को लेकर बांग्लादेश में इजरायल के विरुद्ध लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। हाल के सप्ताहों में इन प्रदर्शनों की तीव्रता ने सरकार को विशेष रूप से सतर्क कर दिया है।
शेख हसीना ने हटाया था प्रतिबंध, अब फिर से लागू
इजरायल की यात्रा पर यह प्रतिबंध नया नहीं है। 2021 से पहले तक यह शर्त बांग्लादेशी पासपोर्ट पर मौजूद थी। लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना ने उस वर्ष इसे हटा दिया था, जिससे प्रतीत हुआ था कि बांग्लादेश इजरायल के साथ संबंध सुधारने की दिशा में कदम बढ़ा सकता है।
हालांकि अब, करीब चार साल बाद, अंतरिम प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस की सरकार ने इस नीति को पलटते हुए पुराने प्रतिबंध को फिर से बहाल कर दिया है। गृह मंत्रालय के सुरक्षा सेवा प्रभाग की उप सचिव नीलिमा अफरोज़ ने पुष्टि की है कि 7 अप्रैल को पासपोर्ट और आव्रजन विभाग को इस संबंध में स्पष्ट निर्देश जारी किए गए हैं।
जनभावनाओं का दबाव और विरोध प्रदर्शन
बांग्लादेश में इजरायल के खिलाफ सड़कों पर उबाल देखा जा रहा है। खासकर गाजा में जारी हिंसा और मानवीय संकट के खिलाफ आम जनता, धार्मिक संगठनों और राजनीतिक दलों की ओर से तीव्र प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। हाल ही में ढाका यूनिवर्सिटी के सोहरावर्दी पार्क में हुए एक विशाल प्रदर्शन में अनुमानित एक लाख लोग शामिल हुए।
इस विरोध लहर के बीच कुछ शहरों में ऐसे स्टोरों को निशाना बनाए जाने की घटनाएं भी सामने आई हैं जो इजरायली उत्पाद बेचते हैं। यूनुस सरकार इन विरोध प्रदर्शनों को गंभीरता से ले रही है और माना जा रहा है कि इन्हीं हालातों के मद्देनज़र पासपोर्ट नीति में यह बदलाव किया गया है।
गाजा संघर्ष की पृष्ठभूमि
गाजा में अक्टूबर 2023 से जारी संघर्ष में अब तक 50,000 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। इस त्रासदी ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया है और मुस्लिम बहुल देशों में इसका व्यापक असर देखा गया है। बांग्लादेश में भी गाज़ा की स्थिति को लेकर गुस्सा और संवेदना दोनों चरम पर हैं।
बांग्लादेश के संविधान में इजरायल को अब तक मान्यता नहीं दी गई है और दोनों देशों के बीच कोई राजनयिक संबंध नहीं हैं। इस ताज़ा निर्णय से यह स्पष्ट हो गया है कि फिलहाल बांग्लादेश, इजरायल के साथ किसी भी प्रकार के संबंध को बढ़ाने के पक्ष में नहीं है।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के इस कदम को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों मोर्चों पर एक कड़े संदेश के रूप में देखा जा रहा है। यह न केवल देश के भीतर उभरते जनमत को शांत करने की कोशिश है, बल्कि यह भी संकेत है कि यूनुस सरकार विदेश नीति में किसी नरम रुख के बजाय जनता की भावना के अनुरूप निर्णायक कदम उठाने को तैयार है।