रांची: बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि रांची में आदिवासी भूइंहरी जमीन की हेराफेरी में मुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है।
श्री मरांडी ने बताया कि कांके के चामा गांव में उन्होंने स्वयं ग्रामीणों से मिलकर जमीन की हेराफेरी की जानकारी ली और इसे प्रशासन के संज्ञान में लाया था। उन्होंने कहा कि यह मामला अत्यंत गंभीर है, क्योंकि आदिवासी भूइंहरी जमीन की प्रकृति बदलकर उसे बेचा जा रहा है।
बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया कि कांके अंचल की कई जमीनों पर इंडी गठबंधन के नेताओं और जमीन माफियाओं की नजर है। सत्ता के संरक्षण में यह माफिया रैयती, पहनाई, भूइंहरी और गैर मजरुआ जमीनों पर जबरन कब्जा कर रहे हैं।
उन्होंने बरियातू में भूइंहरी जमीन पर कब्जे के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भूमिका पर भी सवाल उठाए। उनका कहना था कि सिर्फ एक कंप्यूटर ऑपरेटर के जरिए 200 एकड़ जमीन की हेराफेरी संभव नहीं है।
मरांडी ने कहा कि इस पूरे खेल में अंचलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक की मिलीभगत है। उन्होंने मुख्यमंत्री की संलिप्तता से इनकार नहीं किया और कहा कि इस पूरे प्रकरण की गहराई से जांच होनी चाहिए।
बाबूलाल मरांडी ने मांग की कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।