राँची सभा

न्याय दें, सिर्फ योजनाएं नहीं: सीएम हेमंत सोरेन का जिला अधिकारियों को निर्देश

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सभी डीसी से कहा कि वे केवल योजनाएं लागू करने तक सीमित न रहें, बल्कि पारदर्शिता और संवेदनशीलता के साथ अंतिम व्यक्ति तक न्याय पहुंचाएं। योजनाओं की समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, और सामाजिक कल्याण पर दिए खास निर्देश।

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रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को अपने रांची स्थित आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिला उपायुक्तों (DC) के साथ एक व्यापक समीक्षा बैठक की। बैठक में आदिवासी कल्याण, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक, पिछड़ा वर्ग कल्याण, महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य, कृषि, ग्रामीण विकास और गृह विभाग जैसी प्रमुख विभागीय योजनाओं की प्रगति पर चर्चा की गई।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे केवल कागजी कार्रवाई और कल्याणकारी योजनाओं तक सीमित न रहें, बल्कि न्याय, समानता और ज़मीनी बदलाव सुनिश्चित करें। उन्होंने सभी डीसी को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी सरकारी योजनाएं समयबद्ध, पारदर्शी और प्रशासनिक ईमानदारी के साथ लाभार्थियों तक पहुंचें।

मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से निर्देश दिया कि प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति के लंबित सभी भुगतान 8 मई 2025 तक निपटा दिए जाएं। इसके अलावा, मुख्यमंत्री रोज़गार सृजन योजना के अंतर्गत निर्मित सभी परिसंपत्तियों को राज्य के आधिकारिक प्रतीक चिन्ह से चिह्नित किया जाए और इनका थर्ड पार्टी मूल्यांकन व आउटपुट आधारित निगरानी की जाए।

स्वास्थ्य व्यवस्था पर बात करते हुए मुख्यमंत्री ने जिला एवं प्रखंड अस्पतालों में विशेषज्ञ सेवाओं को मजबूत करने, ब्लड बैंक की सुविधा चालू करने और नागरिकों के स्वास्थ्य प्रोफाइल के विकास को गति देने का निर्देश दिया। साथ ही, उन्होंने देवघर स्थित AIIMS समेत सभी मेडिकल कॉलेजों में हेलिपैड निर्माण की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं सुगम हो सकें।

गर्मियों के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए मुख्यमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों में संभावित पेयजल संकट पर चिंता जताई और संबंधित विभागों को त्वरित वैकल्पिक योजना बनाने का निर्देश दिया। इसके साथ ही, उन्होंने ज्वलनशील जिलों में वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए सक्रिय पहल की आवश्यकता जताई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अंचल व प्रखंड कार्यालयों तथा स्थानीय थाना व्यवस्था को ऐसा कार्य करना चाहिए जिससे लोगों का सिस्टम में विश्वास मजबूत हो। शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण एवं उन्नयन कार्य की समीक्षा की और सभी अड़चनों को समय रहते दूर करने का निर्देश दिया।

कृषि योजनाओं की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कृषक पाठशाला के अंतर्गत सूक्ष्म सिंचाई क्लस्टर एवं नर्सरी की प्रगति की समीक्षा की और पीएम किसान योजना के अंतर्गत किसानों का पंजीकरण स्वघोषणा के आधार पर पूरा करने के निर्देश दिए, जिससे अनावश्यक कागजी प्रक्रिया कम हो सके।

मुख्यमंत्री ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि वनाधिकार अधिनियम और एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम पर ज़िला स्तरीय समितियों की नियमित बैठक हो और वंचित वर्गों को न्याय मिले।

बैठक में मुख्य सचिव अल्का तिवारी, अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह, अविनाश कुमार, सचिव कृपानंद झा, के. श्रीनिवासन, अरवा राजकमल सहित सभी ज़िला उपायुक्त मौजूद थे।

अंत में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को याद दिलाया कि उनकी मेहनत और प्रतिबद्धता ही झारखंड के भविष्य की दिशा तय करेगी।

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