चाईबासा: कोल्हान प्रमंडल में माओवादी गतिविधियों के खिलाफ पुलिस और सुरक्षा बलों की कार्रवाई अब और तेज होगी। झारखंड पुलिस महानिदेशक (DGP) अनुराग गुप्ता ने सोमवार को चाईबासा पहुंचकर नक्सल विरोधी अभियान की समीक्षा की और अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। यह दौरा झारखंड जगुआर के शहीद जवान सुनील धान की शहादत के महज 48 घंटे बाद हुआ।
चाईबासा एसपी अशुतोष शेखर ने बैठक में मैप के माध्यम से चल रहे अभियानों की स्थिति और इलाके की भौगोलिक चुनौतियों की जानकारी दी। डीजीपी ने अभियान में शामिल पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों की सराहना करते हुए कहा कि अब समय है अभियान को निर्णायक मोड़ पर पहुंचाने का। उन्होंने कहा कि आधारभूत संरचनाओं को और सुदृढ़ किया जाएगा ताकि अभियान में किसी प्रकार की बाधा न आए।
बैठक में सीआरपीएफ झारखंड सेक्टर के आईजी साकेत कुमार सिंह, दक्षिणी छोटानागपुर प्रक्षेत्र के आईजी अखिलेश झा, आईजी अभियान अमोल होमकर, झारखंड जगुआर के आईजी अनुप बिरथरे, सीआरपीएफ चाईबासा के डीआईजी पूरन सिंह रन सत्तू समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 13 अप्रैल को शहीद सुनील धान को श्रद्धांजलि देते हुए कहा था कि नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक चरण की कार्रवाई जारी है और शहीदों की कुर्बानी व्यर्थ नहीं जाएगी। मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद ही डीजीपी स्तर पर अभियान की समीक्षा और तेज रणनीति को अंतिम रूप देने की पहल की गई।
डीजीपी ने अपने दौरे में स्पष्ट किया कि कोल्हान में अब नक्सलियों के खिलाफ और अधिक सटीक, मजबूत और आक्रामक अभियान चलाया जाएगा। जवानों का हौसला बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि यह संघर्ष अब निर्णायक मोड़ पर है और राज्य सरकार पूरी ताकत के साथ सुरक्षाबलों के साथ खड़ी है।
यह बैठक न सिर्फ रणनीतिक स्तर पर अहम थी, बल्कि इससे यह भी स्पष्ट हो गया कि राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन नक्सलवाद के सफाए को लेकर अब निर्णायक भूमिका में है।