रांची: दक्षिण एशियाई सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप के चौथे संस्करण की मेज़बानी की तैयारी कर रहे झारखंड में खेल अधोसंरचना को लेकर व्यापक स्तर पर काम चल रहा है। 3 से 5 मई तक रांची के बिरसा मुंडा एथलेटिक्स स्टेडियम में आयोजित होने वाले इस अंतरराष्ट्रीय आयोजन में भारत, श्रीलंका, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और मालदीव—इन सात दक्षिण एशियाई देशों के खिलाड़ी भाग लेंगे। इस आयोजन को ध्यान में रखते हुए बृहस्पतिवार को राज्य के खेल, युवा कार्य, कला-संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार ने रांची के कई खेल परिसरों का निरीक्षण किया।
मोरहाबादी स्थित बिरसा मुंडा फुटबॉल स्टेडियम के निरीक्षण के दौरान मंत्री ने तैयारियों की समीक्षा की और अधिकारियों को समय रहते अधोसंरचना से संबंधित सभी कार्यों को मज़बूत करने के निर्देश दिए। उन्होंने रांची जिला प्रशासन से स्टेडियम का औपचारिक हस्तांतरण शीघ्र करवाने के लिए भी खेल विभाग को कहा, ताकि नवीनीकरण और अन्य व्यवस्थात्मक कार्यों में कोई देरी न हो।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की खेलों को लेकर दीर्घकालिक दृष्टि को दोहराते हुए सुदिव्य कुमार ने कहा कि राज्य सरकार झारखंड के खिलाड़ियों को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण और संसाधन उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। “हमारा लक्ष्य ऐसा खेल पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना है जिसमें राज्य के प्रतिभाशाली खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमकें और झारखंड व देश को गौरवान्वित करें,” उन्होंने मीडिया को बताया।
इसके बाद मंत्री ने मोराबादी इंडोर बैडमिंटन स्टेडियम का दौरा किया और मुख्यमंत्री द्वारा पूर्व में दिए गए निर्देशों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने खेल विभाग द्वारा संचालित हाई परफॉर्मेंस सेंटर में खिलाड़ियों से संवाद किया, फिटनेस उपकरणों और तकनीकी सुविधाओं का जायजा लिया। इसके बाद वे खेलगांव स्थित खेल परिसर पहुँचे, जहाँ उन्होंने एथलेटिक्स स्टेडियम, इंडोर सुविधाओं और बैडमिंटन कोर्ट का निरीक्षण किया। झारखंड स्टेट स्पोर्ट्स प्रमोशन सोसाइटी (JSSPS) के अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें योजनाओं की विस्तृत प्रस्तुति भी दी गई।
मंत्री ने खेलगांव परिसर में सभी विकास और मरम्मत कार्यों को तेज़ी से पूरा करने पर बल दिया और इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की मेज़बानी के लिए तैयार करने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा, “यह केवल एक वादा बनकर न रह जाए। हमें ऐसा खेल अधोसंरचना बनाना होगा जो आज के खिलाड़ियों की ज़रूरतों को पूरा करे और भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक विरासत बने।”
यह अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता न केवल क्षेत्रीय और वैश्विक प्रतियोगिताओं के लिए क्वालिफाइंग इवेंट है, बल्कि झारखंड के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है—अपने आयोजन कौशल और खेल अधोसंरचना को प्रदर्शित करने का, जिससे राज्य को भारत के खेल मानचित्र पर एक विशिष्ट स्थान मिल सके।